Sayt Adı |
Yönetmen |
Quruluş |
Anlatım |
151.سولقون گونش |
صونا |
شعر |
|
152.سوي بان |
موغان |
شعر |
|
153.سيزين همراز |
رضا همراز |
يازي |
|
154.شاعيرانه |
حيدر عبادي |
شعر |
|
155.شعر |
نادر الهي |
شعر |
|
156.شعر ائوي |
مصطفي شيخ پور |
شعر |
|
157.شعر چلنگي |
اوياق |
شعر ، يازي |
|
158.شعر و حيكايه |
ندا صمدي |
يازي |
|
محمد حسام |
شعر ، يازي |
|
|
160.شعرلري هاوادان |
اركين باشكندلي |
شعر |
|
161.شمس درنگي |
انجمن شمس |
يازي |
|
162.شهرستان نمين |
سولماز |
شعر |
|
مهدي آقازاده |
شعر، يازي |
|
|
164.صاباحا يول |
رسول آرانلي |
شعر ، يازي |
|
165.طنز توركي |
عليرضا رضايي |
شعر |
|
166.فرشته رسولي |
فرشته رسولي |
شعر |
|
167.فروش آنلاين كتاب |
|
------ |
كتاب و محصولات فرهنگي |
168.فوليا |
فوليا |
شعر |
|
ف.سو & آ. آتا |
يازي |
قيسا ناغيل، پيئس، حكايه و... |
|
170.قادينجا |
مهران بهاري |
تانيتيم |
|
171.قارا باليق |
م. ووقار |
شعر |
|
172.قارا دابان قيز |
رقيه كبيري |
يازي |
اؤيكو اوتاقي |
173.قارا سئودا |
محمد صفري |
شعر |
|
بابك قاراداغلي |
شعر |
|
|
175.قارانقوش |
ربابه قلي زاده |
يازي |
|
حمزه رياني |
شعر |
|
|
177.قانلي گؤنش |
سيد جليل |
شعر |
|
178.قوپوز |
ائلمان ابراهيمي |
شعر، يازي |
عاشيق لار سايتي |
179.قوجا قارتال |
رضا دهقان |
شعر |
ديليميز و قوشمالاريميز |
180.قوش قاياسي |
منوچهر فضلي خلف |
شعر، يازي |
|
181.قوش قاياسي |
آزر ائللي |
شعر، يازي |
|
182.قيسا سؤزلر |
ساناز شهابي |
ميني مال |
|
183.كؤتئرئنلي |
علي |
شعر |
|
184.كؤيلو قيز |
الناز اسلام وند |
شعر |
|
باران خدادوست |
شعر |
|
|
186.كونگول كوزگوسي |
بيگم |
شعر |
افغانستان تؤركجه سي |
187.كيتاب ائوي |
ائل اوغلي |
|
تورك كيتاب لار توپلومو |
188.گؤز، گؤي يازار |
آدار |
شعر |
|
189.گؤزگو |
ابوطالب الهياري |
شعر، يازي |
|
190.گؤزلرين آيدين |
آيدين سرداري نيا |
يازي |
Dramatic Literature |
191.گؤزلوك |
بهمن ارك |
شعر |
|
192.گؤل تيكان |
ابولفضل عطالو |
شعر |
|
193.گؤنش |
زينب حسن زاده |
شعر |
|
ماحمود سينماز |
شعر، يازي |
|
|
195.گور |
يئني وئبلاگ |
شعر |
|
196.گوناي |
آلتاي |
يازي |
گئنيش قونولو يازي لار |
197.لاچين درگي سي |
|
يازي |
|
بهزاد ناقل |
شعر |
|
|
ميثم |
شعر، يازي |
|
|
200.مانقيم |
عليرضا آقازاده |
شعر، يازي |
|
201.ماننايي لر يوردو |
ساواش |
شعر، يازي |
|
202.محبت يولچوسو |
يولچو |
شعر |
|
سياستچي |
يازي |
|
|
204.مغان شهر |
س. باقر زاده |
يازي |
|
205.مليحه عزيزپور |
مليحه عزيزپور |
شعر ، يازي |
اؤزگؤ(شخصي)بلاگ |
محمود دالغا |
شعر، يازي |
|
|
احمد |
شعر، يازي |
|
|
208.ميراث |
توركمن ادبياتي نين درنه يي |
||
رضا كاظمي |
يازي |
|
|
210.مين بير گئجه |
رضا كاظمي |
يازي |
|
211.نازلي چاي |
وحيد كيياكسار |
يازي |
|
212.نازلي چيچك |
ايكان ائل اوغلو |
يازي |
|
يازي |
|
||
214.هورولر |
كريم چايچي |
شعر ، يازي |
|
215.هوشنگ جعفري |
هوشنگ جعفري |
شعر |
|
216.وارليق |
جواد هيئت |
درگي |
|
217.وب اختصاصي |
رضا همراز |
يازي |
|
ليلا كحالي |
شعر |
|
|
219.وصال |
م.علي رستمي |
|
|
220.يئل چيچگي |
او.صادق_آ.اسكنداني |
شعر ، يازي |
|
221.يادداشت هاي ادبي |
مرتضي حسيني |
شعر ، يازي |
|
222.يادداشت هاي من |
افشين اميري ججين |
شعر ، يازي |
"اوليوئر توويست" كيتابي بو چئويرمن دن دير. |
223.يارديم |
سارا |
شعر |
|
224.يازار |
محمد صبح دل |
يازي |
|
225.يازي |
ناصر مرقاتي |
يازي |
|
226.يازي |
يانار |
شعر |
|
آيدين زنگانلي |
|
|
|
228.ياشماق |
سعيد موغانلي |
شعر ، يازي |
|
229.ياشيل كؤلگه |
روزبه صمدي نيري |
شعر |
|
230.ياشيل ياز |
يونيس |
شعر |
|
231.ياغمور |
م. ابراهيمي سعيد |
شعر |
|
232.ياغمورلار |
سميه. اكبر |
شعر |
|
233.ياغيش |
آيدين آراز |
شعر |
|
234.يالقيز آغاج |
قوجا |
شعر |
|
235.يورد |
يازي |
با نويسنده، معرفي و نقد كتاب |
|
دومان |
شعر |
|
|
237.يورغون |
فرمان فرضي |
شعر |
|
238.يولداشلار |
ناصر قرباني |
شعر |
|
سايت و وبلاگ هاي فعال در زمينه مطالب ادبي فرهنگيه توركي 2
یازار : TTOTT | بؤلوم : ادبي و فرهنگي
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سايت و وبلاگ هاي فعال در زمينه مطالب ادبي فرهنگيه توركي
یازار : TTOTT | بؤلوم : ادبي و فرهنگي
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۱. بو وبلاگ چاليشير بوتون توركجه يازينسئل(ادبي) سايت و وبلاگلارين آدرس لرينه اؤزونده يئر وئريپ، ادبمن لريميزين ايلگيسينه داها كولاي يول آچا.
۲. بو يوزدن، سيز عزيزلردن ايسته ييريك وبلاگين آدرسيني لينك ائتمه ك له، بو ايشده بيزه يارديمجي اولاسينيز. اوسته ليك سئويرسينيزسه وبلاگينيزا آنلاتيم دا آرتيرا بيله ريك.
۳. ده گيشيكليك لري بيزه بيليرتين.
۴. سايتلار، آلفا_بئت سيراسيلا قورولوب.
Sayt Adı |
Yönetmen |
Quruluş |
Anlatım |
آنار |
يازي |
|
|
عليرضا آقازاداه |
شعر |
|
|
3. اؤزگور قادين |
آيدا بيات |
شعر ، يازي |
|
4. اؤگئي كؤلگه |
بهروز اسماعيل زاده |
شعر |
|
5. ائلچين كيتاب |
عباس ائلچين |
شعر، يازي |
تورك ديلي و ادبياتي |
6. ائله بئله |
سوسن نواده رضي |
شعر |
|
7. ائله بئله |
مرتضي سلماني |
شعر، يازي |
|
سجاد نيكزاد |
شعر، يازي |
||
9. اؤيرنجي |
اؤيرنجي |
يازي |
|
10. اؤيكوده ياشاماك |
اوجالان |
يازي |
|
11. آداخلي يوللار |
رقيه وعيدي |
شعر |
|
12. ادبي |
فرزاد ليسي |
شعر |
|
13. ادبيات |
ايلقار مومن زاده |
يازي |
اؤيكو ، اؤيكوجوك |
14. ادبيات و هنر |
قاسم تركان |
يازي |
شعر - داستان- نقد و بررسي |
15. آذربايجان |
ساواش |
يازي |
|
يازي |
تنقيد، ديلچيليك، كؤلتور و... |
||
نژاد محمد |
شعر، يازي |
اوشاق ادبياتي |
|
شعر، يازي |
گئنيش قونودا آذربايجانلا ايلگي لي كيتابلار |
||
19. آذربايجان قيزي |
آياتاي |
يازي |
|
............. |
....... |
گئنيش قونودا آذربايجانجا كيتابلار |
|
آينا فخيمي |
شعر ، يازي |
|
|
بهرام سورگون |
شعر |
|
|
23. آذربايحان سسي |
يازي |
موسيقي و شعر |
|
24. آذري شعرلري |
رحمن پورنگ |
شعر |
|
اردشير رضايي |
شعر، يازي |
|
|
26. آز ياز |
محمود مهدوي |
يازي |
|
|
شعر |
ديل، ادبيات، آراشديما |
|
28. اشعار تركي فارسي |
رجب جعفري |
شعر |
|
29. آشيق ادبياتي |
نژاد محمد |
شعر |
|
30. آفاق مسعود |
آفاق مسعود |
يازي |
رومان، حكايه، ترجمه، مقاله |
31. آفتاب آذربايجان |
علي تشنه دي |
درگي |
|
اكبر رضايي |
شعر |
|
|
33. آل آلما |
سيما ديدار |
شعر ، يازي |
|
34. آلپاي آدلي تورك |
آلپاي |
شعر ، يازي |
شعرلر، ناغيل لار، يازي لار |
35. آلقيش |
عسگر عليائي |
شعر، يازي |
ادبي، كؤلتورل و توپلومسال |
36. آلما يولو |
حيدر بيات |
يازي |
|
37. آلما يولو |
حيدر بيات |
شعر |
|
|
يازي |
|
|
39. آنا ديليم هاني؟ |
بيز توركوز |
شعر، يازي |
|
امير قهرماني |
شعر |
|
|
41. آنا ديليميز |
آراز |
شعر، يازي |
|
42. آناي |
ليدا احمدي |
شعر |
|
انجمن ادبي حافظ |
شعر |
|
|
44. آواوا |
ناصر منظوري |
يازي |
|
45. اوچلوك |
زمان_عيسي_ايلقار |
شعر ، يازي |
|
46. اوچلوك |
شعر، يازي |
|
|
47. اورميه شعر ائوي |
محمدي |
شعر |
|
فتح ا... ذوقي |
سؤي ، يازي |
|
|
49. اوزون كوچه |
تئلناز زنگانلي |
شعر، يازي |
اولوسلار آراسي اوشاق دونياسي |
50. اولو اولوس |
محمدرضا خيري فام |
يازي |
|
51. اولوشوم |
رامين جبارلي |
يازي |
فلسفه، توپلوم بيليمسئل |
52. اويقار سئزگير |
ليلا ابراهيمي |
شعر |
|
53. آي جالانير |
نسيم جعفري |
شعر |
|
54. ايپك تصويرلر |
مهيار عليزاده |
شكيل |
|
آيخان اوغوز اوغلو |
شعر |
|
|
56. آيدينليق يولچوسو |
كريم كريم زاده |
شعر |
|
57. آيدينليق يولچوسو |
آتيلا |
شعر |
|
58. ايستانبول ايسكول |
سعيد احمدزاده |
شعر،يازي |
|
59. ايكي لامپا |
د.اردم_آ.اسكنداني |
يازي |
يئني ادبياتا دوغرو |
60. ايل ساياري |
|
|
|
61. ايمله شك |
ائلشن |
يازي |
|
62. آيناز |
........ |
شعر |
|
63. ايواز طاها |
ايواز طاها |
يازي |
فلسفه |
64. آيين |
رقيه كبيري |
شعر |
|
65. باريش |
|
شعر ، يازي |
شعر ، حكايه |
خسرو صلح كننده |
شعر، يازي |
|
|
67. بالاجا خوخان |
بالاجا خوخان! |
يازي |
اوشاقلار اوچون سسلي ناغيل، شعر و.... |
68. بوجاق |
رسول اسمعيليان |
شعر |
|
69. بوراسي اولكر |
اولكر اوجقار |
يازي |
|
70. بير نفس ايلديريم |
مسعود اسلامي |
شعر |
|
71. پيتراق |
رامين جهانگيرزاده |
يازي |
|
72. پينار يايين ائوي |
شريفه جعفري |
شعر ، يازي |
|
آخار سو |
يازي |
|
|
74. تؤرك مدرن شعر |
مليحه عزيزپور |
شعر |
|
آيسان سرتاچ |
يازي |
|
|
76. تاواسالالي گؤنلر |
غفور تقي اغلو |
شعر ، يازي |
|
77. تركي رپ |
|
|
|
78. تقوي گئييمي |
جعفر احمديه |
شعر |
|
79. تنقيد |
نادر ازهري |
يازي |
|
80. تنقيد آتشي |
جعفر بزرگ امين |
شعر، يازي |
|
81. توركجه اس ام اس |
|
يازي |
|
82. توركجه شعرلر |
سئلدا |
شعر |
|
83. توركجه كيتابلار |
محسن اقدمي |
يازي |
|
84. تونقال |
بهروز صديق |
شعر |
|
حميد |
يازي |
|
|
86. جاماكا |
رسول يونان |
شعر |
|
87. جيزماقارا |
رامين جهانگيرزاده |
شعر ، يازي |
|
88. جيغاتي |
شعر، يازي |
گئنيش قونولو ادبي سايت |
|
89. جيققيلي باغچا |
محمد عابدين پور |
اوشاق درگي |
|
90. جيققيلي سس |
آلقيش عمي |
شعر ، يازي |
|
91. چاغداش |
آيناز |
شعر ، يازي |
|
92. چاغداش ادبيات |
صياد فيضي |
شعر ، يازي |
|
93. چاغداش سس |
ناصر مرقاتي |
شعر، يازي |
يازينسال نئت درگي |
فيضي |
شعر، يازي |
|
|
95. چايير چيچگي |
اولدوز صادق |
شعر ، يازي |
|
96. چنلي تئل |
م. قاراداغلي |
شعر |
|
97. چوبان ييلديزي |
عيوض بيات |
شعر ، يازي |
|
98. چوخورلار |
حامد احمدي |
يازي |
|
99. حئننانه |
رضا كاظمي |
يازي |
|
100.حكايه |
حميد آرغيش |
يازي |
|
101.حكيم هيدجي |
زنگانلي |
شعر ، يازي |
|
|
يازي |
|
|
103.دؤشرگه |
همت شهبازي |
يازي |
|
104.دؤشرنجه لر |
داوود كياني |
شعر |
|
105.دؤشون |
زهرا نعيمي |
يازي |
فلسفه |
106.دؤشونجه |
سو.محمد رضايي |
شعر ، يازي |
|
سيرداش |
شعر |
|
|
علي دهقاني آذر |
يازي |
||
109.داش قاپي |
يالچين |
يازي |
|
110.داغ سيز دومان |
صالح سجادي |
شعر |
|
111.دامارلاريمدا |
اوئستا |
شعر |
|
112.داملالار |
بهمن خادم |
شعر |
|
113.داملالار |
زهرا نظر نژاد |
شعر ، يازي |
|
114.دان اولدوزو |
مليحه خير |
شعر |
|
دومان اردم |
شعر، يازي |
|
|
116.داوود رضايي |
شعر، يازي |
|
|
117.داياق |
يازي |
دونيا آذربايجانلي يازارلار قورومو |
|
118.داينا |
رضا عالي |
شعر ، يازي |
|
ي.ف |
شعر |
تورك ديللي كتاب لار و يازي لار |
|
ياسر فاتحي |
شعر، يازي |
تورك ديللي كتاب لار و يازي لار |
|
121.دكتر جئري |
دكتر جئري |
يازي |
ساتاشما ادبياتي |
122.دلي كور رومان |
ائليار پولاد |
يازي |
ايسماعيل شيخلي نين روماني |
حميد آصفي |
شعر |
|
|
124.دنيزلر اؤپؤشسه قيامت... |
محمد قضايي |
شعر ، يازي |
|
125.دوراق |
آرش ساعي |
شعر |
|
126.دومان |
يوسوف |
شعر ، يازي |
|
مسعود هاراي |
شعر ، يازي |
|
|
مسعود هاراي |
شعر، يازي |
|
|
129.دويسال |
جميله امام دوست |
شعر |
|
.............. |
....... |
پي دي اف كيتاب |
|
131.زمان گذشت و .... |
شهودي |
شعر |
|
132.زمرد |
علي عباسي |
يازي |
|
133.زن متولد ماكو |
قايا قيزي |
شعر |
شعرلر، ترجمه لر |
134.زنگين |
آخار سو |
يازي |
|
135.زنگين |
تئلناز زنگانلي |
شعر، يازي |
زنگانلي لارين ادبي درنه يي |
آخارسو |
يازي |
|
|
137.سؤزون سؤزو |
|
شعر |
|
138.سئوگي |
نژاد محمد |
شعر |
|
139.سئوگي دؤنياسي |
بابك قوجا زاده |
شعر |
شعر دئييشمه سي |
رضا وعيدي |
شعر |
|
|
141.سئوگيم سولماز |
محمد دل آسا |
شعر |
|
142.ساراي |
فرينوش |
|
|
143.ساراي |
يالچين |
شعر |
|
144.ساري يايليق |
سا.محمد رضايي |
شعر ، يازي |
|
145.ساز سؤز |
علي تبريزچي |
شعر، يازي |
موسيقي و شعر، شعر بيچيملري |
ساوچي اوغلو |
شعر، يازي |
|
|
147.ساينتيفيك |
سعيد بشيري |
شعر |
|
148.سسله مني |
محمد ياري |
شعر |
|
ارسطو مجرد |
شعر ، يازي |
|
|
150.سول بيز |
ائلوار قلي وند |
شعر ، يازي |
|
ازدواج با محارم در سلسله هخامنشي
یازار : TTOTT | بؤلوم : ادبي و فرهنگي
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ازدواج با محارم در سلسله هخامنشي
پسر كورش كبير : كمبوجيه
كمبوجيه پسر كوروش كبير كه بعد از كشته شدن پدر در جنگي با گروهي از ايرانيان موسوم به ماساگت ها كه در شمال شرقي بودند به خلافت رسيد و گسترشي شاهي او را ادامه داد و مصر سفلي را به متصرفات پهناور آن افزود.
يونيان كه منبع اصلي ما براي تاريخ زرتشتيان هستند نيكي هاي چنداني از وي ياد نكرده اند و تا آنجا كه به كيش زرتشتي مربوط است مهمترين ادعا درباره وي اين است كه نخستين كسي بود كه عمل ((((خوئتودثه)))) يعني زناشويي با نزديكان را انجام داده است .
بر اساس پهلئي اين نوع زناشويي شايان ستايش بسيار است و چه بهتر كه ميان اعضاي خانواده يعني ميان پدر و دختر و برادر و خواهر و حتي مادر با پسر انجام شود.
خود اين اصطلاح در اعتقاد نامه زرتشتي موسوم به«فرورانه» مي آيد.
عبارت مورد بحث در يسن12 بند9،چنين است:من ايمان دارم به دين مزديسنايي فكه جنگ را براندازد ،باعث شود كه سلاح را كنار گذارند و به خوئتودثه امركند كه حق است.
ام در مورد كهن ترين تاييديه اين رسم گفته اند گمان بر اين بوده است كه چون ويشتاسپ و همسرش ،هوتئوسا به قبيله «نئوتره» تعلق داشتند.و همين موضوع در مورد زناشويي كوروش با (كاساندانه دختر فرنسپ هخامنشي) هم صدق مي كند.
نخستين زناشويي اين چنيني كه محقق شده(بصورتي رسمي) زناشويي پسر كوروش يعني كمبوجيه با دو تن از خواهران تني خويش است.
به گفته هرودت وي دلباخته يكي از خواهرانش شده بود و مي خواست با او زناشويي كند ، ولي چون نقشه اش بر خلاف همه رسوم بود پس ردان و مغانها را فراخواند و از آنان پرسيد كه آيا قانوني هست كه اجازه دهد مردي با خواهر خود زناشويي كند.آنان پاسخي به وي دادند كه هم جانشان را ايمن مي داشت و هم مطابق عدالت بود.
آنان گفتند كه قانوني نيافته اند كه زناشويي خواهر و برادر را جايز شمارد ، ولي قانون ديگري يافته اند كه اجازه مي دهد شاه هر چه دلش خواست انجام دهد.
به همين سبب كمبوجيه نخست با اين خواهر و سپس با خواهر ديگرش (آتوسا) زناشويي كرد.جاي شگفت است كه عملي برخاسته از بلهوسي يك پادشاه وظيفه اي ديني و لازمه ايمان انگاشته شود.
وانگهي از خانتوس لوديايي كه همروزگار هرودت بوده است نيز نقل كرده اند كه «مغان با مادران خويش همبستر مي شوند. آنان ممكن است چنين رابطه اي هم با دختران و خواهران خود داشته باشند.»
وجود عمل زناشويي همخوني به صورت گسترده در ميان جوامع باستاني اثبات شده است.شايد جامعه زرتشتي هم در آن روزگاران نخست شكل گيري كه زناشويي بين مؤمنان را گسترش مي داد، به سبب شمار اندك اعضايش پيوندهاي درون خانواده را رسميت داده باشد و روحانيون و موبدان اين اعتقاد را يافتند كه چنين پيوندهاي نزديكي عملا خدمت به تحكيم دين است از اين پس ،خوئتودثه ،نه فقط در كتابهاي پهلوي ستوده شده بلكه عملا در ادبيات،اسناد و نوشته هاي تاريخي هم به عنوان عملي تاييد مي شود كه از سده ششم پيش از ميلاد در ميان شاهزاده،روحانيان و موبدان و مردم عادي رخ مي داده است.
«منبع:كتاب زرتشتيان باورها و آداب ديني آنها تاليف مري بويس»
به اين وبلاگ يه سر بزنيد جالبه
كشتار مسلمانان قفقاز و چگونگي تشكيل ارمنستان
یازار : TTOTT | بؤلوم : تاريخي و اجتماعي
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روسها از سده هاي گذشته تا عصر كنوني به منطقة قفقاز و از آن جمله آذربايجان نظر داشته اند. اين منطقه با داشتن طبيعتي سحرانگيز و ثروتي پربار ، با گذشت زمان مورد تعرض روسها واقع شــد. در قرن دهم ميلادي ، روسها به مللــي كه دور تـا دور درياي خزر مي زيستند توّجه ويژه اي نشان مي دادند. نگاه فرمانروايان روس ، تزارها ، ژنرالها و فرماندهان ارتش روسيه به اين خاك مقدس هيچ گاه نگاه دوستانه اي نبوده است و آنان همواره در تكاپوي به چنگ آوردن ثروتهاي اين ديار غني و تاراج مردم و بهره كشي از آنان در راه منافع خويش بوده اند، منطقة قفقاز به عنوان مركزي مهم و پلي اقتصادي، اجتماعي و فرهنگي ، مدني مابين دو قارة اروپا و آسيا از ديرباز دستخوش تحولات فراواني بوده است. يكي از معضلاتي كه در اواخر قرن نوزدهم و آغاز قرن بيستم ، همزمان با تضعيف امپراتوري هاي روسيه و عثماني و آغاز فرآيند ناسيوناليسم در كشورهاي اروپايي و به تبع آن در كشورهاي اور آسيايي - قفقاز را در خود فرو برد آغاز جنگ بين ارامنه و مسلمانان بود كه به صورت يك جنگ ديني - نژادي آغاز و دامنة آن به كشورهاي همسايه نيز كشيده شد و به چنان معضل لاينحلي تبديل گشت كه هنوز در آغاز قرن بيست و يكم همچنان بصورت گِرهي كور و چشم آزار در منطقه باقي مانده است .
سالهاي خونين ، محمد اردوبادي ، مترجم عليرضا نقي پور ، صفحه ي 7 و 14
آورندگان تزار سيم به آذربايجان ، سويل كريمووا، مترجم امير عتيقي بخشايشي، صفحه ي 11 الي 9
ايروان يك ولايت مسلمان نشين بود ، صمد سرداري نيا ، صفحه ي 90 و 147
قره باغ ، محمد حافظ زاده ، صفحه ي 164
بحران قره باغ ، كاوه بيات ، صفحه ي 97 و 98
هفته نامة نويد آذربايجان شنبه 2 اسفند 1382 شماره ي 335 صفحه ي 8
كلمات توركي در فارسي و ريشه يابي آنها
یازار : TTOTT | بؤلوم : ادبي و فرهنگي
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كلمات توركي در فارسي و ريشه يابي آنها
تهيه شده توسط آراز بيلگين براي يكي از داشنجويان دانشگاه آزاد تبريز جهت ارائه به يكي از استاتيد زبان فارسي
لغات زيراز مجموعه صفحات 7-34 كتاب “نيستان سخن” تهيه شده است.
انقلاب صنعتي در اروپا بشريت را دچار توهم فكر و طغيان كرد. ملل مختلف اروپا كه تا چندي پيش در كنار هم بعنوان مسيحي ميزيستند به تمجيد برتري علمي و صنعتي خود پرداختند و كم كم اين تمجيدات از منطق خارج و به خود برتر بيني جست زد و انديشه ناسيوناليسم طلوع كرد. با جوشش و سر ريزي انسان اروپايي بسوي ممالك پيرامون و مشاهد زندگي ساده و بي پيرايه آنها تعاريفي چون ملل قلب تمدن بشر را پيدي آورد و اين تزها بسوي ملت قلب اروپا و رقابت براي اثبات برتريت بر هم شدت يافت و جنگهاي جهاني را براي اثبات برتري و يا رد آن بوجود آورد.
در ديگر سوي انسان غير اروپايي در امپراطوري عثماني كه مدعي نشر و گسترش اسلام بود تنها جبهه مقاومت غير اروپائيان در مقابل ملل قلب بود.
روسيه كه قدرت نورسي بود و با مشاهده قبضه شدن تمام سرزمينهاي جهان توسط اروپائيان سر خود را بي كلاه يافت با انديشه همتراز كردن موقعيت خود با ساير اروپائيان چتر استعمار وحشي گونه خود را بر سرزمينها جنوب و شرق خود گشود و فجايع عظيمي را بر ملت تورك تحميل كرد. دول كوچك و خاناتي توركان در جنوب با جمعيت كم وسرزمينهاي پهناور كه دفاع از آنرا براي ملتي با سازماندهي سنتي غير ممكن ميساخت بواقع طعمه ايي باد آورده براي روسيه بود. با تهاجم روسيه به شهر قازان انگار كه قلب توركان بوده باشد ملت تورك را به زانو در آورد و دوران سياه و فاجعه باري براي ما به ارمغان آورد.
ايل قاجار به رهبري آغا محمد خان قاجار براي كسب و خراج از ممالك ماشين جنگي ايلاتي خود را به حركت در آورد و با مطيع سازي ممالك فلات ايران بسوي شمال پيش رفت و با ارتش مدرن روسيه تزاري روبرو شد.
رويارويي با يك اردوي غير مسلمان ملل ممالك مختلف در فلات را با تاسي به اعتقادات مشترك ديني در كنار هم قرار داد و ديوار دفاعي محكم هرچند شكننده ايي در راه پيشروي روسيه بسوي جنوب پديد آورد.
از ديگر سوي امپراطوري بريتانيا نيز با مشاهده گسترش روسيه بسوي حوزه نفوذ خود وارد معادله شد و امپراطوري سنتي قاجار رشته امور را كاملا از دست داد.
اما انگليس براي ساخت ديوار نيم بندي در مقابل روسيه و گشودن راه نفوذ خود در اين ممالك ماموران مخفي خود را وارد فلات كرد. اين ماموران يادداشتهاي فراواني با تكيه بر معلومات ناقص خود از مردمان حاضر در فلات ايران به دنبال چيزي آشنا در سرزميني نا آشنا ميگشتند كه متوجه ملتي بنام فارس شدند. ملتي كه در عين عدم حاكميت ديوان خانه ها را در اختيار داشت.
اين تصاحب ديوان براي ملت فارس و تورك و چندين ملت ديگر حاضر در اين فلات مفهوم خاصي جز تقسيم كار اداره امورد ممالك نداشت ولي براي بريتانياي كه قرار بود معمار ديوار حائل بين مستعمرات خود و روسيه باشد مفاهيمي و فرصتهايي زيادي به همراه داشت.
مسافرت شاهان و سياحان با اروپا اعتماد به نفس انسانها حاضر در فلات را متلاشي كرد. مشاهده غول عظيم صنعت و نظم در اروپا آنها را به فكر فرو برد و آنها سراسيمه به دنبال اين فرومايگي گشتند آنهم در زماني كه اروپائيان مشغول مجادلات لفظي و فكري براي تعيين ملل قلب تمدن بشر بودند.
افكار منحرف ناسيوناليسم اروپايي و تعاريف گزاف آنها از خود اين انسانها را به باز تعريف خود وا داشت. مسلما بهترين تعريفي تعريفي بود كه انسانهاي فلات ايران را چيزي در حد انسانهاي اروپا نشان دهد و چيزي از آن كم نداشته باشد. اين رويكرد ناشي از عدم اعتماد به نفس براي باز ساخت اعتماد به نفس بر باد رفته در فلات ايران انديشه هاي مسموم ناسيوناليسم اروپا را وارد فلات ايران كرد. انتقال تعاريف ناسيوناليستي به فلات چند مليتي ايران با رجوع به گزارشات ماموران و جاسوسان اروپايي كه شرق شناساشان مي ناميمم صورت گرفت و عملا بجاي تدوين داشته هايمان به تعريف خودمان با رجوع به نوشته هاي كساني كه هيچ شناختي از ما و تنوع ملي ما نداشتند پرداختيم. زبان ديوان خانه هاي پادشاهي ممالك كه تشايهاتي هم اتفاقا با زبانهاي اروپايي داشت هر چه بيشتر ميتوانست هويتي مشابهي انسان اروپايي براي انسان فلات ايران پديد آورد و اعتماد به نفس او را باز آفريني كند و بقول روشنفكران مادر وطن را كه دچار دردهاي بي درمان فراواني بود از مرگ نجات دهد.
با ورود ناسيوناليسم مسموم اروپايي به فلات ايران و شروع به تعريف و معرفي هويت تكرو بر ملل متنوع فلات ايران نتايج دوگانه ايي را در پي آورد. ملل مختلف فلات ايران كه تا ديروز ميزان خودي و غير خودي بودن را دين مقدس اسلام ميدانست به ناگاه عنصر زبان را وارد معادلات كرد. معرفي يك زبان به عنوان مشخصه ملي براي ساخت ملت مدرن در فلات ايران از سويي به خود برتر بيني صاحب زبان دامن زد و ديگر سو جبهه دفاعي غير متكلمان به آن زبان را پيدي آورد و همانند مورد اروپا كه تعارف ناسيوناليستي تعاريف متقابل را و تندتري را به بار مي آورد در ميان فلات ايران تضاد و چند دستگي پديدار شد. حال سرزميني كه به دليل نبود سازماندهي آشفته و بي در و پيكر شده بود نه بر اساس واقعيات بلكه بر اساس تعاريف و نسخه هاي مسموم ناسيوناليسم اروپايي سازمان يافت اما دلهاي متحد از نور اسلام به سوي تقابل و دشمني منحرف شدند.
حال اين مقدمه براي چيست؟
مقدمه ما براي تاكيد بر تنوع طبيعي هويتها ملي در اين فلات است. هويتهايي كه با وجه مشخصه زبانها و فرهنگهاي مختلف كه با دين مشترك اسلام به هم وسله شده بودند و تضادي هم از اين نظر باهم نداشتند.
ادباي ملل به هر زباني ميگفتند و مي نوشتند و از آن نه بعنوان ابزار نشان دادن يك هويت خاص بلكه براي انتقال افكار و انديشه هاي خود استفاده ميكردند. مولوي شعر توركي و فارسي مي نوشت، علي شير نوايي شعر توركي و فارسي مينوشت، فضولي اشعار توركي و عربي مينوشت و اينهمه هيچ تضادي به هويت او نداشت چون او يك مسلمان بود و مسلمان نه با زبان بلكه با دين و تقوايش معرفي ميشد.
اما ورود افكار مسموم ناسيوناليسم به فلات ايران به تعريف و تعبير رفتار زباني و ادبي انسانهاي قبل از خود با رجوع به افكار مسمومش پرداخت. ناسيوناليسمي كه بجاي تنظيم امور بر اساس واقعيات به تعريف ملتي مدرن “يك زبان، يك ملت، يك وطن” ميپرداخت. اين انديشه مسموم ابتدا به دليل عدم احساس تضاد هويت اسالمي به هم چندان مورد توجه ملل قرار نگرفت اما ورود دين گريزي همراه ناسيوناليسم عنصر اتحاد بخش ديني را به مراتب پايين تر راند و نهادينه شدن ناسيوناليسم در دوره رضاخان همراه با رد عنصر حياتي دين و خروج نسبي آن از محوريت وحدت تضاد بين ملل ايران را پديد آورد و ملل محكوم كه فرهنگ و زبان و هويت شان طرد شده بود به مقاومت و مخالف بر خواستند و نتيجه اين شد كه حال مي بينيم.
اما موضوع اصلي ما به كلمات مربوط ميشود.
زبانهاي ما تا ديروز بعنوان زبان مسلمانان جز وسيله انتقال افكار مفهوم ديگري نداشت. كلمات فارسي و توركي خيلي راحت در نثر و نظم هم وارد ميشدند تا به بيان گيراي معاني بپردازند. نظامي اشعار خود را براي غرور كذايي ناسيوناليستي به فارسي ننوشته بود. او تنها براي گرفتن كيسه زر از يك شاه به فارسي سرايي پرداخته بود. علي شير نوايي براي خوشايند ناسيوناليستها توركي و فارسي ننوشته بود، ديوان لغت تورك و شاهنامه فردوسي براي ساخت بناي پانتوركيسم و پان فارسيسم نوشته و سروده نشده بود. اما امروز فكر مسموم ناسيوناليسم با ديدگاه جديد خود به تعريف و معرفي غير واقعي گذشته رپداخته بود.
ناسيوناليسم فارس خود را محور زمين ميدانست و كلمات عرب و تورك و شرق و غرب را با محوريت زبان فارسي و نه علم زبان شناسي تعريف ميكرد. بقول هنرپيشه فيلم عروف “كيف انگليسي” ناسيوناليسم خيلي راحت هيتلر را “هيت لور” بچه لرستان خودمان معرفي ميكرد.
اما زبان هر چند محور ناسيوناليسم است اما ريشه آن نيست. رفتار زبان در مبادله فكر و كلمات همراه آن تابع ناسيوناليسم كور قرن بيستم نبوده است. از اينروست كه در اشعار و نثر زبانهاي مختلف منطقه كلماتياز همه زبانها يافت ميشود. اگر بتوانيم اغراض و يا انحرافات فكري ناشي از ناسيوناليسم را از علم زبان شناسي اين سرزمين دور كنيم خيلي زود متوجه خواهيم شد كه كلمات استفاده شده در زبان توركي و فارسي بعنوان رقباي اصلي ناسيوناليسم تورك و فارس بر خلاف افكار ما از ناسيوناليسم تبعيت نميكنند.
با بهلود نوشت بولوت (نام شاعر مشهور آذربايجاني كه نامش را كه والدينش بولوت=ابر گذاشته بودند نويسنده محترم شناسنامه اش بهلود نوشته بود) هويت و زبان فرد و هويت سرزمين او عوض نميشود. به تغيير نام آجي چاي به تلخه رود، قاراچاي به سيه رود، دميرچي به حدادان، سولدوز به نقده، سايين دژ به شاهين دژ هويتي عوض نميشود. بلكه ظلمي اتفاق مي افتد و ملتي خود را مظلوم اين واقعه ميبيند و اين احساس ظلم و ظالم مرتكب آن تنها عقده ودشمني پديد مي آورد و دلها را از هم دور ميسازد.
اين مقال مختصر نيز نه براي اثبات برتري زباني بر زبان ديگر بلكه براي رد رداي ضد انساني زبان شناسي ناسيوناليستي و غير انساني بر زبان شناسي حاكم در اين سرزمين تقديم حضور ميشود. باشد كه همه بجاي تكيه بر ناسيوناليسم تك زبانه براي تعيين هويت كلمات به واقعيت آنها رو كنيم.
در اين مختصر بنده به جستجوي روابط دوستانه زبان توركي و فارسي در 32 صفحه از كتاب نيستان سخن خواهم پرداخت.
اما بهتر ميبينم مختصري در مورد زبان توركي بگويم.
زبان توركي زباني التصاقي است. زباني است كه در آن كلمات هميشه داراي يك ريشه و بعد در صورت نياز كاربردي پسوندها شكل دهنده هستند. با رجوع به سنگ نوشته هاي ارخون اين ريشه حتي تا تك حرف نيز پيش ميرود. كه دوستان ميتوانند با رجوع به كتاب “قديم تورك يازيلي آبيده لرين ديلي” كتاب درسي دانشگاه باكو در اين مورد اطلاعات فراواني كسب كنند.
همچنين مقاله ارزشمند پرفسور آي محمد آي محمدي در مجله يول (چاپ كيهان) اگر اشتباه نكنم شماره 28 با عنوان “اوستادا توركجه سؤزلر” از مبادلات تاريخي كلمات در فلات ياران بين زبانهاي مختلف حاضر در آن اطلاعات ارزشمندي كسب كنند.
همچنين كتاب رشته اي ارتباط “5000 ايلليك سومئر- توركمن باغلاري” نوشته بگميرات گئرئي برلين19 مي 2003″ ميتوانيد به عمق تاريخ حضور زبان توركي در خاورميانه نظر بيفكنيد.
نمونه متن توركي باستان سومئريان:
İç əlümdümü ki, a(ğ)lın kirşu qalu?
Qalanu şu (ö)lgin itə yala qalu
Gəl uri ki, mal gəliki
Ən çiki uri gen
Am tilənisə amuna aru
Mətnin Azərtürk tərcüməsi:
Əlimin içidimi ki,a(ğ)ılın qırışı qalı
Qalanı bu (ö)lü itə yala qalı,
Gəl ver ki, mal gələr
Ən kiçiyi verginən
Hamı dilənirsə, hamının ardınca get.
Sumercə
Ada
Ama
Tibir
Qaş
Uç
Tuş
Azərtürkcə
ata
ana
Dəmir
quş
üç
düş
كلمه
شرح معنا و مثال
منابع
خوب = خپ = قوپ = شادي (كلمه قوپوز و كيپ نيز از همين ريشه است)
كيوان =كيو+ ان، كلمه توركي با پسوند فارسي كئيو=گؤي بمعناي آسمان
نمونه هاي ديگر: كيومرث= مردآسماني؛ كوه= بلندي كه بسوي آسمان را ميبرد(شرح از پرفسور آي محمدي، يول)
راي بمعناي تمايل و ميل كردن بسويي يه چيزي
در توركي امروزي نيز همين كلمه در استفاده از اختلال در رنگ، و نظر و گرايش استفاده ميشود. (محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
يك=يئگ= خوب و بهترين
(ديوان لغات الترك ؛ پرفسور آي محمدي، يول)
دانش=تانيش= آگاه و آشنا شدن، فعل دان (دانستن=دان + است) نيز از همين كلمه تان گرفته شده است.
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
تنگ = تونوك= ظريف و باريك بودن
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
خازن-خزانه معرب قازان، قازان = قاز+ان گود شده (اين كلمه ببشكل خزن وارد عربي و در انواع وزن صرف شده است)
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
دوخت = توخ = بمعني بافت
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
كلمه شرح معنا و مثال
منابع
چنين = چن+اين= چون=اوچون=چين=ايچين بمعناي براي و بدليل
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
برزويه=بورجيه= بورج+يه—بورج=بارج/بارجا بمعني تمام و كامل
ديوان لغات الترك پارس
نام حيوان شكاري از شاخه گربه سانان
ديوان لغات تورك
خانه =خانا=خان+ا =بمعني مكان و جاي
ديوان لغات الترك
قبا = قابا =بالاپوش، پوشاننده (كلماتي چون قاپ، قاپاق و… نيز از همين ريشه اند)
دهخدا
دوش رويا، روياي هنگام خواب (شكل قديم آن توش) (در فارسي بجاي ديشب استفاده ميشود)
ديوان لغات تورك
آتش آتيش (در گيري با هم با آتش)آتيشماق زد و خورد يا هر نوع اقدام خصمانه متقابل است.
فرهنگ معين
خون =خان=قان
تركي باستان كتيبه هاي ارخون
عمر =اؤمور=اوم+اور= انتظار
تركي باستان كتيبه هاي ارخون
خويش بدل ازكيش=كيشي بمعناي شخص، شخصي
مال تعلقات( بويژه احشام)در فارسي تنها بمعناي تعلق بكار ميرود
كلمه
شرح معنا و مثال
منابع
متلاشي مكسر تلاش = تالاش= تالاماق = توللاماق انداختن و بهم ريختن
ديوان لغات الترك
سور = شادي-سور= راندن- روان و خوش = از همين كلمه سورچك (مجلس شبانه)
ديوان لغات الترك
چنگ ريشه قديم تركي كلماتي از اين ريشه=چنگال، چنگ اولماق، چنگه،..
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
خانه =خانا از ريشه تركي قديم كان=كانا (مكان) از اين ريشه=خاندا=هاردا (كجا)
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)- كتيبه هاي ارخون-ديوان لغات الترك
قيمت – قيي(ريشه)+مه ت(پسوند اسم ساز) در معنا روا و ارزش (اين مدل را در كلماتي مثل يوغورت (يوغور+وت)، بولوت (بول+اوت)، قوروت (قور+اوت)، اوموت (اوم+اوت) ديد
لغتنامه ايتمولوژي (تورك ديل كورومو توركيه)
پادشاه/ پاد+شاه (ريشه هاي قديمي توركي) پاد =بود= ايل و پاد= باي= رئيس و بزرگ، شاه=شاد بمعناي سركرده (حرف د يكي از حروفي است كه در كلمات تركي قديم حذف و يا به ي تبديل ميشود قولداق=قولاق، آداك= آياق)
ديوان لغات تورك، قديم تورك يازيلي آبيده لرين ديلي، كتيبه هاي ارخون-يئني سئي
توان = تابان = تاوان =تايان= دايان (پاشنه، زور، تكيه) =تپمك
ديوان لغات الترك (taban)
دراز/ در+آز، در=تير (ريشه هاي تركي باستان ديرك= تيرك بمعناي باريك و بلند)(تير مظروف از تار=دار همانند: آچ←ايچ، قاچ←قيچ، داش←ديش(ديشاري)، آران←ايران، يار←يير (ييرت-ييرتيق)؛ آز پسوند جمع كننده است. (اوق+اوز←اوقوز )
لغتنامه ايتمولوژي (تورك ديل كورومو توركيه)، قديم تورك يازيلي آبيدلرين ديلي، كتيبه هاي ارخون-يئني سئي
توشه/ توش+ه (توش بمعناي همراه)
ديوان لغات الترك
تخم =توخوم=توغوم= دوغوم بمعناي زايش از توغ=دوغ+اوم
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
دانه =ده نه= دن+ه = بمعناي ذره و عدد واحد از هر چيز
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
كجا/ بدل از كانچا
ديوان لغات الترك
خرد = فارسيزه شده قيرت= جزئي از چيزي بريده و دانستن جزئيات چيزي خردمند=خرد+مند (مند يك پسوند اسم ساز تركي است. امروزه در سير تكامل تركي حرف د حذف شده است. مند (منده مه ك) بشكل فعل در معناي بودن است.
ديوان لغات الترك
گشتن
(در معناي بدل شدن)= از كلمه قوش (قوشولماق) همراه و همچون چيزي شدن
كلمه شرح معنا و مثال
منابع
گونه/گون=قون+ه(قون ريشه بمعناي فرود آمدن و نشستن و قون پسوند اسم ساز بمعناي بدان صورت در آمدن (وورقون، آزقين، دارقين)
لغتنامه ايتمولوژي (تورك ديل كورومو توركيه)
سالار/ سالار=سال+آر
= سالار = سال(سالماق = انداختن ، برانداختن) ) + ار (اك فاعلساز =و بمعناي مرد و سرباز= براندازنده ، به خاك مالنده ، يل ؛ گاهي اصرار دارند كه سالار تغيير يافتة سردار است!
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
شاخه و شاخ
شاخ=تيز و قائم؛ وجه تسميه شاخ حيوانات نيز همين ريشه است. البته ريشه «شاخه» اين كلمه نيست (ر. شاخه)؛ شاخ دورماق=قائم ايستادن، شاخ پول= پول تازه و تا نشده
شاخه = شاخا = شاخ(شاخماق = پيچيدن دور چيزي و بالا رفتن ، رعد و برق زدن،جاري و روان شدن همراه با ايجاد آردن پر و بال) + ا(اك)
=رشد آننده و بالا رونده،بالا رونده و پر و بال دهنده ، قسمت رشد
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
افسون/ اووسون= اوو+سون= اووماق (ماليدن چيزي مثل ماليدن چراغ جادو ، ماليدن مار براي كنترل آن در سنت مارگيري توركان= اووسونجو)
مصطلح
بخش- پخش
باغيش = بخيش = بغيش و باغيش )= عفو ، احسان =( عفو و گذشت ، از ريشه هاي تركي باستان
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)- دبيرسياقي ، ديوان لغات التُرك محمود آاشغري
برگ =بَرك= محكم
ديوان لغات الترك
كانچه (ص 14)
كانچا= مكان
باز فرمان آيد از سالار ده
مر عدم را كانچه خوردي باز ده
ديوان لغات التركي
غنچه=قونچا و قونجا= شكوفه نشكفته، در تركي قديم بمعني عروس
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
كلمه شرح معنا و مثال
منابع
گل و گلزار و گلستان =گول بمعناي شكفته و خندان
=گول از مصدر گولمك(= خنديدن)كه بخاطر شادابي گل آنرا بدين نام تشبيه كرده اند و در فارسي با گرته برداري از همين نكته لبخند و لب با تشبيه به گل و غنچه همراه بوده است:گل خنده ، خندة غنچه اي
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
قلاوز
قَلاوز
-1 قوُلاغوز = قولاغ(گوش)+وز)اك( = استراق سمع ، جاسوس =
-2 قيلاووز = قيل)راست) + آووز (= آووج = راهنما) = راهنماي راه راست ، دانا
هر كه در راه بي قلاوزي رود /مولوي
اگرگئيديرقارينداش يوخساياووز—اوزون يولدا سنه اولدو قيلاووز/مولوي
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
كودك =گودوگ=گوده=كوتاه (خود كلمه كوتاه نيز از هيمن ريشه است. ) ناقص از نظر طول و قامت. كلمه گدا=گَده نيز بهمعناي ناقص بودن است و از همين صيغه ست.
مصطلح
سست/ سوس+(او)ت= ساكت و بي حركت شده
مصطلح
چراغ = چيْراق = چيْر )چيْرماق = چيْريْماق = سو دادن) + اق) اك) = سوسو آننده ، نوردهنده، چيرسرخي
محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
داغ =درفش و آلت گرم كردن و داغ كردن(زدن)، چون سواركاري در بين توركان خيلي رايج بود آنها اسبهاي خود را با آن علامت مي زدند و به اين علامت داغ ميگفتند. بعدها اين اصطلاح به قطعه گرم اطلاق گرديد و به هر چيز گرم نيز امروزه داغ گفته ميشود؛
ديوان لغات الترك، محمد صادق نائبي- 1000 كلمه اصيل توركي در پارسي)
اميد =اوموت (ر. قيمت)
مزدور =مزد+اور(ار) آدم كار به مزد